हवा लगी पश्चिम की , सारे कुप्पा बनकर फूल गए । ईस्वी सन तो याद रहा , पर अपना संवत्सर भूल गए ।। चारों तरफ नए साल का , ऐसा मचा है हो-हल्ला । बेगानी शादी में नाचे , जैसे कोई दीवाना अब्दुल्ला ।।
A blog on Rajputana and their Culture.
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